पैसे कैसे कमाऊ ?
तो मेरे दोस्तों अगर आप स्कूल या कॉलेज में पढ़ाई करते हो! लेकिन आप पैंसे कमाना चाहते हे ! जी हाँ ! अपने बिलकुल सही सुना आज में आपको मेरे तजुर्बे के बारे में बताऊंगा ! के कैसे आप इंटरनेट की मदत से अपनी पॉकेट मनी निकाल सकते हो ! और कैसे आप भी अगर आप स्कूल या कॉलेज में हो तो आप भी पढ़ाई के साथ साथ पैसे कमा सकते हो !में आज आपको एक ऐसी बात बताऊंगा जो आपका प्रोफेशन भी बन सकती हे ! तो आईये हमारे साथ और जानते हे !
'' परो को खोल ज़माना उड़ान देखता है ''
'' ज़मीं पे बैठ के क्या आसमान देखता है ''
हम सब जानते हे ! जब हम स्कूल में या कॉलेज में होते हे !तो हमारे पास पैसो की बहुत कमी होती हे और हमें घर वालो से पैसे मांगना भी अच्छा नहीं लगता आखिर कब तक हम उनसे पैसे मांगते रहेंगे तो आप भी इंटरनेट जैसा बड़े नेटवर्क की मदद से पैसे कमा सकते हे ! और जो चाहे वो कर सकते हे !
तो मेरे दोस्तों आज के समय में आपके पास कोई स्किल नहीं हे हुनर नहीं हे ! लेकिन आपका किसी चीज़ में काफी ज़्यादा इंटरेस्ट हे ! आपको उस चीज़ से काफी ज़्यादा लगाओ हे ! तो वो चीज़ आप लोग ज़रूर से ज़रूर सींखो अगर आप वो चीज़ सिंख गए और उसने आप मास्टर बन गए तो वो चीज़ आपके काफी काम भी आ सकती हे ! और वही चीज़ आप लोगो को बता सकते हो समझा सकते हो ! और घर बैठे बैठे स्कूल या फिर कॉलेज में पड़ते पड़ते एक रेवेन्यू जेनेरेट कर सकते हो !जिस से आप को काफी फायदा होगा और नॉलेज भी बढ़ेगी !
For Example :- मान लो आप 12th क्लास में पड़ रहे हो और आप 9th ,10th 11th क्लास के मैथ्स में एक्सपर्ट मास्टर हो और आप अच्छी तरह से लोगो को स्टूडेंट्स को मैथ्स समझा सकते हो ! तो आप सोशल मीडिया पर एक वीडियो बना कर पोस्ट कर सकते हो ! या फिर आर्टिकल भी लिख सकते हो ! या ब्लॉग पोस्ट कर सकते अगर आपको लिखना पसंद हे तो ! और मैथ्स से सम्भंदित वेब साइट्स बना सकते हो इस में भी काफी अर्निंग होती हे ! तो आप यहाँ लर्निंग के साथ साथ अर्निंग भी कर सकते हो ! ये होना चाहिए आपका दिमाग का एक जूनून अगर आपको इंटरनेट की मदद से पैसा कमाना हे तो ! अगर अपने अपना एक गोल बना लिया तो आप ज़रूर सफल होंगे !
ये सारी चीज़े दोस्तों मेने एक्सपीरयंस की हे ! तभी में आपको बता पा रहा हूँ !ताकि आप लोग कुछ सिंख साखो और सफलता की सीढ़ियों से आसमान छू सकते हो और सफलता भी पा सकते हो तभी तो मेने ये शेर जो शकील आज़मी साहब का काफी मशहूर हे वो सुनाया जो हे !
" परो को खोल ज़माना उड़ान देखता हे "
" ज़मीं पे बैठ के क्या आसमान देखता हे "
आपका दोस्त
अल्फ़ेज़ खान
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